Iran का Israel पर हमला: क्या बदला ‘ट्रू प्रॉमिस II’ ऑपरेशन में?
ईरान ने अक्टूबर 2024 में इजराइल (Israel)पर अपने दूसरे बड़े हमले के तहत “ट्रू प्रॉमिस II” ऑपरेशन शुरू किया। इस बार ईरान ने अपनी नई हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया, जो तकनीकी रूप से अप्रैल में किए गए पहले हमले से अधिक उन्नत थीं। इस हमले ने ईरान के सामरिक दृष्टिकोण में एक बड़ा बदलाव दिखाया। जिसका इजराइल कड़ा जवाब देने की कोशिश करेगा जो की विश्व शांति के दृष्टिकोण से गलत हो सकता है और इसमें और भी देश भाग लेने के लिए कूद सकते है अमेरिका इसपे लगातार अपनी दृष्टि बनाए हुए है।
1. हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग: अप्रैल के हमले में पुराने ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों का उपयोग किया गया था, जबकि अक्टूबर के हमले में ईरान ने पहली बार हाइपरसोनिक मिसाइलें इस्तेमाल कीं। ईरानी इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का दावा है कि उनकी मिसाइलों ने 90% लक्ष्यों को सफलतापूर्वक भेदा, भले ही इजराइल के पास अत्याधुनिक रक्षा प्रणाली हो।
2. नए लक्ष्य: जहां अप्रैल में ईरान ने दूरस्थ सैन्य ठिकानों पर हमला किया था, वहीं इस बार इजराइल के अधिक घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, खासकर तेल अवीव के आस-पास।
युद्ध की बढ़ती आशंकाएं:
इस हमले के बाद इजराइल (Israel) की प्रतिक्रिया और अधिक आक्रामक हो सकती है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस हमले का कड़ा जवाब देने की योजना बना रहे हैं, खासकर तब जब इजराइल नागरिक अब सीधे खतरे में हैं।
दुनिया भर में मौजूदा संघर्ष और उनके कारण
ईरान और इजराइल के बीच चल रही इस लड़ाई के अलावा, कई और देश भी सक्रिय रूप से संघर्ष या युद्ध में शामिल हैं। निम्नलिखित प्रमुख युद्ध और उनके कारणों पर एक नजर:
1. इजराइल बनाम फिलिस्तीन (गाजा संघर्ष): इजराइल और फिलिस्तीनी मिलिटेंट समूहों के बीच संघर्ष का मुख्य कारण क्षेत्रीय विवाद, यरुशलम की स्थिति और फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर इजराइल कब्जा है। समय-समय पर गाजा से हमास द्वारा रॉकेट हमले और इजराइल की जवाबी हवाई हमले इस संघर्ष को और बढ़ाते हैं।
2. ईरान बनाम इजराइल: इस संघर्ष का मुख्य कारण ईरान का इजराइल के अस्तित्व का विरोध और इजराइल द्वारा ईरान के क्षेत्रीय प्रभाव को रोकने की कोशिश है। इसमें हिजबुल्लाह के समर्थन और ईरान के परमाणु कार्यक्रम की भूमिका अहम है।
3. यूक्रेन बनाम रूस: रूस और यूक्रेन के बीच का युद्ध 2022 से जारी है, जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया। इस संघर्ष का मुख्य कारण यूक्रेन की पश्चिम की ओर बढ़ती कूटनीति और नाटो से उसकी नजदीकी मानी जाती है। रूस इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखता है।
4. आर्मेनिया बनाम अज़रबैजान (नागोर्नो-काराबाख संघर्ष): इस विवाद का मुख्य कारण नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र पर दोनों देशों का दावा है। यह संघर्ष दशकों से चला आ रहा है और समय-समय पर इसमें नई हिंसा भड़क उठती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और नई चुनौतियां
ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते संघर्ष पर कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं भी सामने आईं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल की रक्षा के लिए अपनी सेना को मदद का आदेश दिया, जबकि ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इजराइल को सुरक्षा का आश्वासन दिया। इजराइल का आयरन डोम सिस्टम मिसाइलों को रोकने के लिए सक्रिय है, लेकिन इस बार ईरान के नए हाइपरसोनिक मिसाइलों की वजह से यह संघर्ष और जटिल हो गया है।
इस्लामी प्रतिरोध समूह, जैसे हिजबुल्लाह और हमास, ईरान के समर्थन में सामने आए हैं। ऐसे में क्षेत्र में और भी बड़ी लड़ाइयां छिड़ने की आशंका बढ़ गई है।
निष्कर्ष
ईरान और इजराइल के बीच चल रहे इस संघर्ष ने मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता को और कमजोर कर दिया है। खासकर हाइपरसोनिक मिसाइलों का उपयोग और शहरी क्षेत्रों को निशाना बनाने से इजराइल की सुरक्षा नीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।