Site icon khabarkona247.com

Ajit doval एक बार फिर बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

Ajit doval एक बार फिर बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार

सरकार ने गुरुवार को कहा कि अजीत डोभाल को फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और पीके मिश्रा को प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। यह प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के तहत निरंतरता के लिए एक जोरदार मतदान है।

डोभाल 1968 बैच के पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं और 2005 में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। वे राष्ट्रीय सुरक्षा, सैन्य मामले और खुफिया जानकारी संभालते रहेंगे। मई 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्हें एनएसए नियुक्त किया गया था और फिर 2019 में फिर से नियुक्त किया गया।

मिश्रा 1972 बैच के पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं और केंद्रीय कृषि सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

पिछले एक दशक से पीएमओ (प्रधानमंत्री कार्यालय) से जुड़े मिश्रा प्रशासनिक मामलों की देखभाल करते रहेंगे।

वे प्रधानमंत्री के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सलाहकार बन जाएंगे।

मिश्रा ने मोदी के साथ तब काम किया था जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। डोभाल ने 2009 में सार्वजनिक नीति थिंक टैंक विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन की शुरुआत की थी।

कार्मिक मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आदेश के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 10 जून से डोभाल की एनएसए के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।

इसमें कहा गया है कि अपने कार्यकाल के दौरान डोभाल को वरीयता तालिका में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति की शर्तें एवं नियम अलग से अधिसूचित किये जायेंगे।

समिति ने 10 जून से मिश्रा की नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी। इसमें कहा गया है कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, रहेगी।

डोभाल पड़ोस में तथा पी5 देशों – अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और यूनाइटेड किंगडम – के साथ प्रधानमंत्री के वार्ताकार हैं।

एक जासूस के तौर पर उन्हें पाकिस्तान में काम करने का अनुभव है। 2017 में डोकलाम पठार और 2020 में पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के आक्रमण के दौरान वे प्रधानमंत्री के सलाहकार थे। वे चीन के साथ भारत के सीमा विवाद को सुलझाने के लिए नई दिल्ली के विशेष प्रतिनिधि भी हैं।

उन्हें जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से निपटने का भी अनुभव है। 1985 बैच के आईएएस अमित खरे और 1987 बैच के तरुण कपूर को भी दो साल के लिए पीएम का सलाहकार बनाए रखा गया है।

Exit mobile version