महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में INDIA गठबंधन के लिए Arvind kejriwal करेंगे प्रचार
महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता Arvind kejriwal ने INDIA गठबंधन के उम्मीदवारों के लिए प्रचार अभियान में उतरने का फैसला किया है। महाराष्ट्र में आगामी चुनावों में AAP भले ही प्रत्यक्ष रूप से चुनाव नहीं लड़ रही हो, लेकिन केजरीवाल की सक्रिय भागीदारी MVA (महा विकास अघाड़ी) गठबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। AAP महाराष्ट्र में उन निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करेगी जहाँ पार्टी के स्वयंसेवक सक्रिय हैं और जहाँ MVA के उम्मीदवारों को लेकर कोई विवाद नहीं है।
महाराष्ट्र चुनावों में AAP का समर्थन और रणनीति
MVA गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और एनसीपी (शरद पवार गुट) शामिल हैं, ने AAP से सहयोग मांगा है ताकि महाराष्ट्र के शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं को INDIA गठबंधन की ओर आकर्षित किया जा सके। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शहरी इलाकों में केजरीवाल का प्रभाव और उनकी “ईमानदार नेता” की छवि MVA के उम्मीदवारों के पक्ष में वोटों को जुटाने में सहायक हो सकती है। हालांकि AAP ने चुनाव लड़ने का निर्णय नहीं लिया है, लेकिन MVA के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए वे पूर्ण प्रचार में भाग लेंगे।
हाल ही में AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने घोषणा की कि AAP महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी, बल्कि MVA उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। महाराष्ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के बीच प्रत्येक 85 सीटों पर चुनाव लड़ने का समझौता हुआ है, जो 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को होने जा रहे एक चरणीय चुनाव में भाग लेंगे। सभी 288 सीटों के परिणाम 23 नवंबर को घोषित होंगे।
झारखंड में भी INDIA गठबंधन का साथ देंगे केजरीवाल
झारखंड में INDIA गठबंधन का सामना भाजपा के नेतृत्व वाले महागठबंधन से है, जिसमें ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड), और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) शामिल हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM), कांग्रेस, और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) एक साथ मिलकर भाजपा गठबंधन के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। झारखंड में मतदान दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी।
सूत्रों के अनुसार, झारखंड में भी JMM ने केजरीवाल से प्रचार का अनुरोध किया है, और केजरीवाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते दिखाई देंगे।
हाल ही में केजरीवाल का विवाद और उनकी छवि पर प्रभाव
केजरीवाल हाल ही में दिल्ली शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच के घेरे में आए थे। उन्हें तिहाड़ जेल में भी कुछ समय बिताना पड़ा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। जेल से रिहा होते ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का अप्रत्याशित घोषणा की और कहा कि वे फिर से चुनाव लड़कर वापसी करेंगे, ताकि जनता का विश्वास बना रहे और उनकी ईमानदारी पर कोई प्रश्नचिन्ह न लगे।
उनके इस निर्णय को भ्रष्टाचार विरोधी छवि के समर्थन में लिया जा रहा है। उनके लिए यह कदम न केवल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देता है, बल्कि जनता को भी उनके प्रति विश्वास बनाए रखता है।
AAP और INDIA गठबंधन का संबंध
AAP और महा विकास अघाड़ी के सहयोगियों को INDIA गठबंधन में देखा जा रहा है, जो प्रमुख राष्ट्रीय दलों के संयुक्त मोर्चे के रूप में उभर रहा है। इस गठबंधन का उद्देश्य भाजपा के खिलाफ एक ठोस विकल्प प्रस्तुत करना है। हाल ही में दिल्ली और हरियाणा में AAP ने कांग्रेस के साथ गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। पंजाब में, AAP ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था और पार्टी ने वहां अच्छा प्रदर्शन किया। हालाँकि हरियाणा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की बातचीत विफल रही थी और AAP ने वहाँ भी एक भी सीट नहीं जीती।
हालाँकि, जम्मू-कश्मीर के चुनाव में पार्टी को एक बड़ी सफलता मिली, जहाँ डोडा सीट से पार्टी उम्मीदवार मेहराज मलिक ने जीत दर्ज की। ये जीत INDIA गठबंधन के प्रति आशा का एक संकेत मानी जा रही है, क्योंकि इसे एकजुटता और समन्वय के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।
महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ता का समीकरण
महाराष्ट्र के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना को 56 और कांग्रेस को 44 सीटों पर सफलता मिली थी। इससे पहले 2014 के चुनाव में भाजपा ने 122 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 63 सीटों पर कब्जा किया था। महाराष्ट्र में इस बार MVA और महायुति गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। महायुति में भाजपा के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार का एनसीपी गुट शामिल है।
INDIA गठबंधन के लिए चुनावों में प्रचार का महत्व
INDIA गठबंधन के लिए इन दोनों राज्यों में चुनाव केवल एक क्षेत्रीय लड़ाई नहीं है, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। केजरीवाल का प्रचार अभियान न केवल MVA और JMM के उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाएगा, बल्कि INDIA गठबंधन के प्रति जनता के बीच एक सकारात्मक संदेश भी पहुँचाएगा। भाजपा के विरुद्ध एक राष्ट्रीय मोर्चा के रूप में उभरने के उद्देश्य से, इस गठबंधन के लिए विभिन्न राज्यों में एक साथ काम करना और एकजुटता बनाए रखना आवश्यक है।
महाराष्ट्र और झारखंड में इन चुनावों के परिणाम से यह भी पता चलेगा कि क्या INDIA गठबंधन का प्रभाव आगामी लोकसभा चुनावों में बढ़ सकता है और क्या यह भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प बन सकता है।
निष्कर्ष अरविंद केजरीवाल का महाराष्ट्र और झारखंड में प्रचार अभियान उनके स्वयं की पार्टी AAP के साथ-साथ INDIA गठबंधन के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके निर्णयों से उनकी ईमानदार छवि को समर्थन मिला है, और आने वाले दिनों में ये देखना रोचक होगा कि क्या जनता केजरीवाल और उनके INDIA गठबंधन का समर्थन करेगी।