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Diljit Dosanjh का पुणे कॉन्सर्ट ‘ड्राई’: शराब पर पाबंदी के बाद उठा सांस्कृतिक और ट्रैफिक का मुद्दा

Diljit Dosanjh

Diljit Dosanjh का पुणे कॉन्सर्ट ‘ड्राई’: शराब पर पाबंदी के बाद उठा सांस्कृतिक और ट्रैफिक का मुद्दा

महाराष्ट्र सरकार द्वारा शराब पर रोक: क्या है मामला?

पुणे के कोथरुड क्षेत्र में रविवार को आयोजित दिलजीत दोसांझ के “दिल-लुमिनाटी” कॉन्सर्ट में शराब परोसने की अनुमति राज्य उत्पाद शुल्क विभाग ने रद्द कर दी।
इस फैसले के पीछे क्षेत्रीय लोगों और नव-निर्वाचित बीजेपी विधायक चंद्रकांत पाटिल की आपत्तियां थीं।

विधायक पाटिल ने कहा: “ऐसे कार्यक्रम हमारे शहर की संस्कृति का हिस्सा नहीं हैं। इससे स्थानीय निवासियों को असुविधा होगी और यातायात की समस्या उत्पन्न होगी। मैंने पुलिस आयुक्त से इस कार्यक्रम को रद्द करने का आग्रह किया है।”

महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (एमएनएस) और ‘सकल हिंदू समाज’ जैसे अन्य संगठनों ने भी इस कार्यक्रम के खिलाफ आवाज उठाई।

दिलजीत दोसांझ का तंज: ‘पूरे देश को ड्राई स्टेट बना दो!’

पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने इस मुद्दे पर तीखा जवाब दिया। उन्होंने अहमदाबाद में अपने कॉन्सर्ट के दौरान कहा: “अगर देश के सभी ‘ठेकों’ को बंद कर दिया जाए, तो मैं शराब पर आधारित गाने गाना छोड़ दूंगा।”

गुजरात जैसे ड्राई स्टेट में प्रस्तुति देते हुए दिलजीत ने अपने लोकप्रिय गानों के बोल बदल दिए, जैसे “लेमोनेड” और “5 तारा” में ‘दारू’ और ‘ठेका’ का जिक्र हटा दिया।
उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा: “गुजरात ड्राई स्टेट है, इसलिए आज कोई शराब पर गाना नहीं होगा। अगर सभी राज्य ड्राई हो जाएं, तो मैं शराब पर गाना गाना छोड़ दूंगा।”

दिलजीत ने यह भी जोड़ा कि शराब बिक्री से सरकार को भारी राजस्व मिलता है और इसे बंद करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा: “लॉकडाउन के दौरान सबकुछ बंद था, लेकिन ठेके खुले थे। युवा पीढ़ी को बेवकूफ मत बनाओ।”

आयोजकों और स्थानीय लोगों के बीच खींचतान

कॉन्सर्ट के लिए आयोजकों ने पुलिस से जरूरी अनुमति तो ली थी, लेकिन शराब परोसने की अनुमति रद्द होने के बाद विवाद और गहराया।
स्थानीय निवासियों ने आवाज उठाई कि कार्यक्रम से ध्वनि प्रदूषण होगा और क्षेत्र में रहने वाले वरिष्ठ नागरिकों को परेशानी होगी।
विजय डखले, एक निवासी, ने कहा: “यह क्षेत्र वरिष्ठ नागरिकों का घर है। इतना शोर उन्हें असुविधा पहुंचाएगा।”

एमएनएस की ओर से लिखे गए पत्र में भी कई मुद्दों पर प्रकाश डाला गया:

पुलिस की कार्रवाई

स्थिति को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा: “हमने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है। आयोजकों को कार्यक्रम की अनुमति दी गई है, लेकिन शराब परोसने की नहीं।”

दिलजीत का नजरिया:

दिलजीत दोसांझ ने इस विवाद को हल्के-फुल्के अंदाज में लेते हुए न सिर्फ अपनी बात रखी, बल्कि देशभर में शराब नीति पर सवाल खड़े किए।
उनका कहना है कि अगर शराब को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए, तो वह अपने गानों के विषय भी बदल देंगे।

निष्कर्ष

यह विवाद सिर्फ एक कॉन्सर्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज में बढ़ते सांस्कृतिक मतभेदों, शराब नीति और शहरीकरण से जुड़े मुद्दों को उजागर करता है।
जहां एक तरफ संगीत प्रेमी ऐसे आयोजनों का आनंद लेना चाहते हैं, वहीं स्थानीय लोग अपने जीवन की शांति और संस्कृति को संरक्षित रखना चाहते हैं।

दिलजीत दोसांझ जैसे कलाकारों के लिए यह भी एक मौका है कि वे अपने संगीत के माध्यम से सामाजिक मुद्दों पर रोशनी डालें और समरसता का संदेश दें।

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