Kalki 2898 AD:अरशद वारसी की टिप्पणी पर फैंस की प्रतिक्रियाएं
Kalki 2898 AD.—नाग अश्विन की इस महाकाव्य फिल्म का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। प्रभास, दीपिका पादुकोण, अमिताभ बच्चन, और कमल हासन जैसे दिग्गजों की स्टारकास्ट के साथ, यह फिल्म चर्चा में बनी रही। प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स पर रिलीज के बाद, फिल्म को लेकर दर्शकों में उत्साह और आलोचना दोनों देखी गईं। हालांकि, फिल्म को लेकर सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, वो थीं अरशद वारसी की तीखी टिप्पणियां।
क्या था अरशद वारसी का कहना?
हाल ही में समदीश भाटिया के साथ पॉडकास्ट पर, अरशद वारसी ने कल्कि 2898 ई. पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, “मैंने कल्कि देखी, और मुझे यह बिलकुल पसंद नहीं आई। अमित जी का काम हमेशा की तरह बेमिसाल था, लेकिन प्रभास… उन्होंने तो मुझे हैरान कर दिया। प्रभास का किरदार एक जोकर जैसा था। क्यों? क्यों उन्होंने ऐसा किरदार निभाया? मुझे आज भी समझ नहीं आया।”
अरशद की यह टिप्पणी आते ही सोशल मीडिया पर तूफान मच गया। कई लोग उनकी इस राय से सहमत दिखे, जबकि कुछ ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी।
इंटरनेट पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़
फिल्म के ओटीटी रिलीज़ के बाद से ही इंटरनेट पर इसे लेकर चर्चाएं गर्म हो गईं। अरशद वारसी की आलोचना के बाद, कई लोगों ने इस पर अपनी राय रखी। कुछ लोगों का मानना था कि प्रभास का किरदार वाकई में कमजोर था, जबकि कुछ का कहना था कि फिल्म की कहानी में दम है, लेकिन किरदारों को बेहतर तरीके से पेश किया जा सकता था।
एक दर्शक ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “#Kalki2898AD में कहानी अच्छी थी, लेकिन इसे और बेहतर बनाया जा सकता था। अरशद वारसी की आलोचना सही है, प्रभास को बेहतर किरदार मिलना चाहिए था।”
नानी और सुधीर बाबू का समर्थन
फिल्म में प्रभास की आलोचना करने पर नानी और सुधीर बाबू ने अरशद वारसी पर पलटवार किया। नानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अरशद वारसी को सिर्फ इसी आलोचना के चलते ज्यादा प्रसिद्धि मिल रही है। ऐसी टिप्पणियों को अनदेखा करना चाहिए।”
वहीं, सुधीर बाबू ने कहा, “रचनात्मक आलोचना ठीक है, लेकिन किसी का मज़ाक उड़ाना सही नहीं है। प्रभास का कद इतना बड़ा है कि छोटी सोच वाले लोग उसे समझ नहीं सकते।”
क्या कहती है जनता?
फिल्म के दर्शकों के बीच भी इस मुद्दे पर मतभेद हैं। कुछ लोगों का कहना है कि फिल्म के दृश्य बेहतरीन थे, लेकिन प्रभास का किरदार फिल्म के स्तर से मेल नहीं खाता। वहीं, कुछ लोग इसे महाभारत के दृश्यों में छिपी संभावनाओं के साथ जोड़ते हैं।
एक दर्शक ने कहा, “मुझे फिल्म में महाभारत के दृश्य पसंद आए। अगर पूरी फिल्म इसी तरह से बनाई जाती, तो यह एक शानदार महाकाव्य होती। डायस्टोपियन साइंस-फिक्शन से फिल्म की गहराई खो गई।”
क्या है भविष्य की उम्मीद?
Kalki 2898 AD को मिली-जुली प्रतिक्रिया के बावजूद, इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा में एक नया अध्याय शुरू किया है। नाग अश्विन की इस फिल्म में साहसिक प्रयोग किए गए हैं, जो भविष्य की फिल्मों के लिए नए मानक स्थापित कर सकते हैं। हालांकि, दर्शकों और समीक्षकों का मत अलग-अलग है, लेकिन एक बात साफ है—फिल्म ने चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है।