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Kargil Vijay diwas 2024: शूरवीरों की धरती का गौरवशाली इतिहास

Kargil Vijay diwas 2024

Kargil Vijay diwas 2024: शूरवीरों की धरती का गौरवशाली इतिहास

क्या है कारगिल का इतिहास?

कारगिल का इतिहास शौर्य और बलिदान की गाथाओं से भरा हुआ है। सन् 1999 में हमारे वीर सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए दुश्मन से कारगिल की ऊंची चोटियों को आजाद करवाया। इस संघर्ष में भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया, जिसमें लगभग 2 लाख सैनिकों ने भाग लिया और 527 जांबाज शहीद हुए।

कारगिल विजय दिवस की महत्ता

हर साल 26 जुलाई को हम कारगिल विजय दिवस मनाते हैं, जो उन वीर जवानों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की। इस दिन को मनाने का उद्देश्य उन शहीदों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

कारगिल नाम का अर्थ और इसका महत्व

कारगिल नाम दो शब्दों ‘खार’ और ‘आरकिल’ से मिलकर बना है। ‘खार’ का अर्थ किला और ‘आरकिल’ का अर्थ केंद्र होता है। इसका अर्थ हुआ किलों के बीच का स्थान। यह नाम इस क्षेत्र के सामरिक महत्व को दर्शाता है, क्योंकि यह विभिन्न राज्यों के बीच स्थित है।

कारगिल का भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व

कारगिल लद्दाख क्षेत्र में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 14,086 वर्ग किलोमीटर है। यह श्रीनगर से 205 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां की जनसंख्या लगभग सवा लाख है, जिनमें अधिकतर शिया मुसलमान हैं। यहां के धार्मिक प्रमुखों को ‘आगा’ कहा जाता है।

पर्यटन के लिए आकर्षण

कारगिल और लद्दाख के अन्य हिस्सों को 1974 में पर्यटकों के लिए खोला गया। 1999 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह इलाका पर्यटकों के बीच और भी लोकप्रिय हो गया। यहां टाइगर हिल, तोलोलिंग, मुश्कु घाटी और बटालिक जैसी जगहें प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।

इस्लाम का आगमन

15वीं सदी में मीर शम्स-उद-दीन इराकी के नेतृत्व में इस्लाम का प्रवेश हुआ। उन्होंने अपने मिशनरियों के साथ बाल्टिस्तान और कारगिल का दौरा किया और इस्लाम का प्रचार किया। इससे पहले ख्वाजा नूरबख्श ने भी इस क्षेत्र में इस्लामी उपदेश दिए थे।

कारगिल का प्रारंभिक इतिहास

इतिहासकार परवेज दीवान के अनुसार, कारगिल नामक व्यक्ति ने सबसे पहले पोयेने और शिलिकचाय के इलाकों में बसे जंगलों को साफ कर बसावट की। इसके बाद गशो थाथा खान के वंशजों ने इस क्षेत्र पर शासन किया। उनका राजवंश कारगिल के सोद क्षेत्र पर शासन करता था, जो बाद में शकर चिकटन क्षेत्र में स्थायी रूप से बस गया।

निष्कर्ष

कारगिल का इतिहास और इसका महत्व हमारे देश के शौर्य और बलिदान की प्रतीक है। यह क्षेत्र न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि पर्यटन के लिहाज से भी बेहद आकर्षक है। कारगिल विजय दिवस पर हम सभी उन वीर सैनिकों को नमन करते हैं जिन्होंने अपने अदम्य साहस और पराक्रम से इस क्षेत्र को दुश्मन से मुक्त कराया।

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