“M.S.Dhoni बने झारखंड विधानसभा चुनाव के ब्रांड एंबेसडर: युवा मतदाताओं को जागरूक करने में निभाएंगे अहम भूमिका”

 

भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अब झारखंड विधानसभा चुनाव के ब्रांड एंबेसडर बन गए हैं। चुनाव आयोग ने धोनी को इस विशेष भूमिका के लिए चुना है ताकि राज्य में अधिक से अधिक मतदाताओं को चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित किया जा सके, खासकर युवा मतदाताओं को। एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक, धोनी ने चुनाव आयोग को अपनी फोटो के उपयोग की अनुमति दे दी है, जिससे चुनाव आयोग के लिए मतदाताओं को जागरूक करने में उनकी लोकप्रियता का लाभ उठाया जा सके।

 

चुनाव आयोग का धोनी पर भरोसा: मतदाताओं को प्रेरित करने का प्रयास

चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के रवि कुमार ने रांची में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “महेंद्र सिंह धोनी ने चुनाव आयोग को अपनी तस्वीर का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। हम उनसे अन्य जानकारियों के लिए संपर्क में हैं। महेंद्र सिंह धोनी मतदाताओं की जागरूकता और उन्हें मतदान में शामिल करने के लिए कार्य करेंगे।” धोनी का इस अभियान में शामिल होना आयोग के SWEEP (Systematic Voters Education and Electoral Participation) कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया के प्रति जागरूक और प्रेरित करना है।

धोनी की झारखंड में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है और चुनाव आयोग उनके इस प्रभाव को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए उपयोग करना चाहता है। धोनी जैसे व्यक्ति का समर्थन प्राप्त होने से आयोग का यह प्रयास अधिक प्रभावी साबित हो सकता है, खासकर तब जब धोनी खुद झारखंड राज्य से ताल्लुक रखते हैं।

 

झारखंड में चुनाव का माहौल: प्रमुख दलों की तैयारियाँ

झारखंड में 13 नवंबर से चुनाव शुरू हो रहे हैं और 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण के चुनाव 13 नवंबर को होंगे और दूसरे चरण के चुनाव 20 नवंबर को होंगे। चुनाव परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने 23 अक्टूबर को 35 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 19 अक्टूबर को अपनी पहली सूची में 66 उम्मीदवारों का ऐलान किया।

 

इस बार का चुनाव विभिन्न दलों के गठबंधन का मंच भी बना है। बीजेपी ने ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। बीजेपी 68 सीटों पर, AJSU 10 सीटों पर, जेडीयू 2 सीटों पर और एलजेपी 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी।

वहीं दूसरी ओर, जेएमएम कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। दोनों दल 81 में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, जबकि शेष 11 सीटों पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अन्य सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे। इस बार का चुनाव विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच गठबंधन और चुनावी रणनीतियों का दिलचस्प मिश्रण है, जो राज्य के राजनीतिक माहौल को नई दिशा दे रहा है।

झारखंड में धोनी की लोकप्रियता का फायदा

महेंद्र सिंह धोनी की लोकप्रियता केवल झारखंड तक ही सीमित नहीं है; वे विश्वभर में एक चर्चित नाम हैं। झारखंड में उनका विशेष स्थान है, क्योंकि यहीं से उन्होंने अपनी क्रिकेट यात्रा शुरू की और पूरे देश में एक स्टार के रूप में उभरे। उनकी सादगी और शांति ने उन्हें युवाओं के बीच एक आदर्श व्यक्ति बना दिया है। चुनाव आयोग का मानना है कि उनकी उपस्थिति से खासकर युवाओं में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकेगी, जो अक्सर चुनाव में कम भागीदारी करते हैं।

झारखंड की राजनीतिक परिस्थितियों में धोनी जैसे किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति का जुड़ाव चुनाव आयोग के लिए एक सकारात्मक कदम है। धोनी का इस अभियान में शामिल होना न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के अन्य राज्यों में भी ऐसे प्रयासों के लिए एक प्रेरणा का काम कर सकता है। एक अनुमान के अनुसार, झारखंड की जनसंख्या में बड़ी संख्या युवा मतदाताओं की है। अगर धोनी जैसे प्रेरक व्यक्ति की छवि उनके सामने प्रस्तुत की जाए, तो मतदान प्रतिशत को बढ़ाया जा सकता है।

युवा मतदाताओं की भूमिका और चुनौतियाँ

झारखंड जैसे राज्यों में चुनावी भागीदारी बढ़ाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। राजनीतिक दलों को यह महसूस हो रहा है कि युवा मतदाता चुनावों में एक निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। हालाँकि, आजकल युवा मतदाताओं की चुनाव में भागीदारी का प्रतिशत कम होता जा रहा है। इसके कई कारण हैं – राजनैतिक गतिविधियों में विश्वास की कमी, नौकरी, शिक्षा और अन्य कारणों के कारण चुनाव के प्रति उदासीनता।

धोनी जैसे व्यक्ति का समर्थन युवाओं को चुनाव में भागीदारी के लिए प्रेरित कर सकता है। चुनाव आयोग का SWEEP कार्यक्रम विशेषकर युवाओं को चुनावी प्रक्रिया के महत्व के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित है। धोनी की उपस्थिति के साथ, यह अभियान और भी व्यापक रूप से सफल हो सकता है, क्योंकि युवा मतदाताओं में धोनी की छवि न केवल एक सफल क्रिकेटर की है, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत की भी है।

 

चुनाव आयोग की रणनीतियाँ और धोनी का योगदान

धोनी की लोकप्रियता को देखते हुए, चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि उनका प्रभाव अधिकतम रूप से उपयोग में लाया जा सके। धोनी न केवल एक ब्रांड एंबेसडर की भूमिका निभाएंगे, बल्कि झारखंड के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता अभियानों में भी भाग ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त, धोनी की तस्वीरें और वीडियो संदेश सोशल मीडिया, टीवी, रेडियो और अन्य माध्यमों के जरिए साझा किए जा सकते हैं, ताकि मतदाता मतदान के महत्व को समझ सकें।

 

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