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“Mamata Banerjee का आरोप: ‘कुछ राजनीतिक दलों’ ने रची साजिश, अस्पताल में हिंसा की घटनाओं पर भड़कीं”

“Mamata Banerjee का आरोप: ‘कुछ राजनीतिक दलों’ ने रची साजिश, अस्पताल में हिंसा की घटनाओं पर भड़कीं”

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई शर्मनाक घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि इस हमले के पीछे कुछ राजनीतिक दलों का हाथ है, जिनका मकसद राज्य में अस्थिरता पैदा करना है। यह हमला उस वक्त हुआ जब अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन हो रहे थे। ममता बनर्जी का कहना है कि उनका विरोध डॉक्टरों या प्रदर्शनकारियों से नहीं है, बल्कि वे उन राजनीतिक दलों पर निशाना साध रही हैं जो इस मुद्दे को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री बनर्जी ने साफ किया कि पुलिस इस घटना की गंभीरता से जांच कर रही है। उन्होंने मीडिया से कहा, “मुझे छात्रों या आंदोलनकारी डॉक्टरों से कोई समस्या नहीं है, लेकिन कुछ राजनीतिक ताकतें इस मामले को बिगाड़ने की कोशिश कर रही हैं। अगर आप इस घटना का वीडियो देखेंगे, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।”

राजनीति की बिसात: भाजपा और वाम दलों पर आरोप

ममता बनर्जी ने खासकर भाजपा और वामपंथी दलों पर इस हिंसा की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल बंगाल में सत्ता हथियाने की कोशिश कर रहे हैं, और इसके लिए बांग्लादेश जैसी रणनीति अपना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए छात्र आंदोलन की तर्ज पर विपक्षी पार्टियां बंगाल में अशांति फैलाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “मैंने अस्पताल के अंदर भाजपा और वामपंथी दलों के झंडे देखे। उन्होंने पुलिस पर हमला किया और मेरे एक अधिकारी घंटों तक गायब रहे। बाद में उन्हें घायल हालत में पाया गया।”

यह घटना उस समय की है जब पूरे पश्चिम बंगाल में ‘रिक्लेम द नाइट’ नामक विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, जिनमें महिलाएं आधी रात के बाद सड़क पर उतरकर सुरक्षा की मांग कर रही थीं। इस घटना ने बंगाल की सियासत में उबाल ला दिया, और सारा देश ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा था।

सीबीआई जांच और हाई कोर्ट का आदेश

आरजी कर अस्पताल मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है, जिसे कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले को कोलकाता पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया, जिससे राज्य की राजनीति और भी गरमा गई है। ममता बनर्जी ने विपक्ष पर इस मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं, चाहे वह कोई भी हो।

ममता बनर्जी का कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर पलटवार

ममता बनर्जी ने विपक्षी कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर भी करारा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब वामपंथी दल सत्ता में थे, तब बंगाल में कई जघन्य अपराध हुए, लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा, “मैं कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि उनके राज्यों में कितनी घटनाएं हुई हैं? वे क्या कार्रवाई करते हैं? और जब सीपीआई (एम) सत्ता में थी, तब उनके शासन में हुए अपराधों की भरमार थी। उस समय सोशल मीडिया नहीं था, इसलिए लोगों में जागरूकता भी कम थी।”

पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य, जिनका हाल ही में निधन हुआ, का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके शासनकाल (2000-2011) के दौरान कई जघन्य अपराध हुए, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ममता का यह बयान तब आया जब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बंगाल की स्थिति पर सवाल उठाए थे। राहुल गांधी ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर कहा था कि स्थानीय प्रशासन पीड़ित को न्याय दिलाने के बजाय आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहा है।

लोकसभा चुनाव 2024 और गठबंधन की चुनौतियाँ

इस मामले ने कांग्रेस और तृणमूल के रिश्तों में एक नई कड़वाहट ला दी है। दोनों पार्टियां एक ही गठबंधन में हैं, लेकिन उनके बीच का तनाव खुलकर सामने आने लगा है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीट बंटवारे की अटकलें पहले से ही तेज हैं, और ऐसे में इस विवाद ने गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले पर सतर्क टिप्पणी की, जबकि कांग्रेस ने इस पर चुप्पी साधे रखी। इससे गठबंधन में अंदरूनी खटपट के संकेत मिलते हैं। ममता बनर्जी ने भाजपा को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि उनकी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह जनता के भरोसे पर खरी उतरेंगी।

“बंगाल मां” को गाली न दो: ममता बनर्जी का जवाब

ममता बनर्जी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आप मुझे जितना चाहें उतना गाली दो, लेकिन बंगाल मां को गाली मत दो।” उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर उन्हें बदनाम करने का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन वे इस तरह की राजनीति से डरने वाली नहीं हैं। उनका “मां, माटी, मानुष” का नारा आज भी उनके दिलों में जिंदा है, और वे बंगाल की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इस पूरी घटना ने बंगाल की राजनीति को गर्मा दिया है, और आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का राजनीतिक और सामाजिक असर क्या होता है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस किस तरह इन चुनौतियों का सामना करती है, यह बंगाल और देश की राजनीति पर गहरा प्रभाव डालेगा।

 

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