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पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक की ओर बढ़ती Manu bhaker

पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक पदक की ओर बढ़ती Manu bhaker

भारतीय निशानेबाज मनु भाकर की नजरें पेरिस ओलंपिक में एक ऐतिहासिक तीसरे पदक पर हैं, क्योंकि उन्होंने शुक्रवार को चेटौरॉक्स शूटिंग रेंज में 25 मीटर स्पोर्ट्स पिस्टल फाइनल में दूसरे स्थान पर रहते हुए अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। 22 वर्षीय मनु भाकर ने पहले ही इस ओलंपिक में दो कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास रच दिया है।

मनु भाकर का प्रदर्शन इस स्पर्धा में बेहतरीन रहा, और वे लगभग पूरे क्वालीफिकेशन चरण में शीर्ष तीन में बनी रहीं। उन्होंने कुल 590 अंक बनाए और हंगरी की वेरोनिका मेजर, जिन्होंने 592 अंक के साथ ओलंपिक रिकॉर्ड की बराबरी की, के पीछे दूसरे स्थान पर रहीं।

मनु की सफलता का श्रेय उनकी कोचिंग टीम, विशेषकर पूर्व दिग्गज निशानेबाज से कोच बने जसपाल राणा को भी जाता है। मनु ने अपने साथी सरबजोत सिंह के साथ 10 मीटर महिला एयर पिस्टल में कांस्य और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम में भी कांस्य पदक जीते हैं।

स्पोर्ट्स पिस्टल क्वालिफिकेशन राउंड में, मनु भाकर ने अपने शानदार फॉर्म का प्रदर्शन किया। ‘प्रिसिशन’ राउंड में उन्होंने 97, 98, और 99 के स्कोर के साथ 294 अंक बनाए। ‘रैपिड राउंड’ में मनु ने परफेक्ट 100 और दो 98 अंक बनाकर कुल 296 अंक अर्जित किए।

भारत की एक और उभरती निशानेबाज ईशा सिंह, जिन्होंने हांग्जो एशियाई खेलों में कई पदक जीते हैं, 581 के स्कोर (प्रिसिशन में 291 और रैपिड में 290) के साथ 40 निशानेबाजों के बीच 18वें स्थान पर रहीं और फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं।

मनु भाकर, जिनका करियर अब ऊंचाइयों पर है, ने भारतीयों से आग्रह किया था कि अगर वे और पदक नहीं जीत पाईं तो उनसे निराश न हों। लेकिन उनके प्रदर्शन और फॉर्म को देखते हुए, उनके पास स्वर्ण या रजत पदक जीतने का सुनहरा मौका है।

2021 के टोक्यो खेलों में मनु की पिस्तौल में आई खराबी के कारण उनका ओलंपिक सपना अधूरा रह गया था, लेकिन इस बार उन्होंने अपने प्रदर्शन से साबित कर दिया है कि वे कुछ बड़ा करने का माद्दा रखती हैं।

मनु ने अपनी प्रेरणा के लिए भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा और बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु को अपना आदर्श माना है। मनु भाकर पीवी सिंधु के बाद ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी सबसे कम उम्र की भारतीय एथलीट हैं।

भारत ने अब तक पेरिस ओलंपिक में निशानेबाजी में तीन पदक जीते हैं, जिनमें से दो पदक मनु भाकर ने जीते हैं। स्वप्निल कुसाले ने भी 50 मीटर राइफल थ्री-पोजिशन में कांस्य पदक जीता है।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच राहुल द्रविड़ ने भी मनु के इस प्रदर्शन को “अविश्वसनीय” कहा है। उन्होंने कहा, “टोक्यो ओलंपिक की निराशा के बाद मनु की कहानी अविश्वसनीय है। यहां आकर प्रतिस्पर्धा करना और कांस्य पदक जीतना एक अभूतपूर्व उपलब्धि है।”

 

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