Niti Aayog: 10 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बैठक से नदारद; ममता बनर्जी के आरोपों पर नीति आयोग के सीईओ का जवाब
नीति आयोग की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों ने देश की राजनीति को गर्म कर दिया है। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने उन्हें बोलने नहीं दिया। इस पर अब नीति आयोग के सीईओ ने पूरी मीटिंग का घटनाक्रम बताया है।
ममता बनर्जी के आरोपों के बाद भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं में जुबानी जंग छिड़ गई है। इसके बीच नीति आयोग ने सफाई देते हुए पूरी बैठक का ब्यौरा साझा किया है।
बैठक में ये राज्य नहीं हुए शामिल
नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने जानकारी दी कि इस बैठक में 10 राज्य शामिल नहीं हुए, जबकि 26 राज्य उपस्थित थे। गैरहाजिर राज्यों में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, बिहार, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुद्दुचेरी शामिल हैं। ममता बनर्जी बैठक में उपस्थित थीं।
ममता बनर्जी ने पहले बोलने का किया था अनुरोध
नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि ममता बनर्जी ने अनुरोध किया था कि उन्हें लंच से पहले बोलने का मौका दिया जाए। बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि अल्फाबेट के आधार पर सभी मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका दिया जाता है, लेकिन ममता बनर्जी को विशेष अनुरोध पर पहले बोलने दिया गया।
सीईओ ने कहा – उनकी बातों को सम्मानपूर्वक सुना गया
बी. वी. आर सुब्रह्मण्यम ने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री से पहले रक्षा मंत्री ने ममता बनर्जी को बोलने का मौका दिया। सभी मुख्यमंत्रियों को सात मिनट का समय दिया गया था और स्क्रीन पर समय प्रदर्शित हो रहा था। ममता बनर्जी का समय समाप्त होने पर उन्होंने और समय मांगा, लेकिन सम्मानपूर्वक उनके बातों को सुनने के बाद रक्षा मंत्री ने माइक थपथपाया। ममता बनर्जी ने इसके तुरंत बाद बोलना बंद कर दिया और बाहर चली गईं। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे।
बैठक में पीएम मोदी ने दिए ये निर्देश
नीति आयोग के सीईओ ने बताया कि प्रधानमंत्री ने बैठक की अध्यक्षता की और विकसित भारत का विजन प्रस्तुत किया। पीएम ने सभी राज्यों को 2047 के लिए एक विजन बनाने को कहा। उन्होंने निवेश आकर्षित करने के लिए ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ तैयार करने और राज्य स्तर पर नदी ग्रिड बनाने पर जोर दिया।
नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी पर सियासत तेज
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी पर जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने सफाई दी। उन्होंने बताया कि नीतीश कुमार पहली बार नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, इससे पहले भी उपमुख्यमंत्री ने बिहार का प्रतिनिधित्व किया था।
नीति आयोग का उद्देश्य
नीति आयोग की शासी परिषद की नौवीं बैठक में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से ‘विकसित भारत 2047’ दस्तावेज पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री इस आयोग के चेयरमैन हैं और शासी परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र-शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।