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अमेरिकी चुनाव में ‘कम बुराई’ का चुनाव करें: Pop Francis का अमेरिकी कैथोलिक मतदाताओं से आह्वान

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Pop Francis ने हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों, डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस, की कड़ी आलोचना की है। पोप ने गर्भपात और प्रवास पर उनके रुख को “जीवन विरोधी” करार देते हुए कहा कि इन दोनों उम्मीदवारों की नीतियाँ जीवन के खिलाफ हैं। पोप ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी कैथोलिक मतदाताओं को चुनाव में ‘कम बुराई’ का चुनाव करना चाहिए।

Pop Francis का सख्त बयान

Pop Francis, जो अपने प्रवास और मानवीय मुद्दों पर विशेष ध्यान देते हैं, ने अमेरिकी चुनाव में गर्भपात और प्रवासन जैसे प्रमुख मुद्दों पर खुलकर अपने विचार साझा किए। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर डोनाल्ड ट्रंप या कमला हैरिस का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने अपने विचार स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा, “चाहे वह प्रवासियों को बाहर निकालने वाला हो या गर्भ में शिशुओं की हत्या करने वाला, दोनों जीवन के खिलाफ हैं।”

पोप का यह बयान उनके एशिया के चार-देशों के दौरे से रोम लौटते समय एक हवाई संवाददाता सम्मेलन में आया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह अमेरिकी नहीं हैं और इस चुनाव में मतदान नहीं करेंगे, लेकिन उन्होंने मतदाताओं को सुझाव दिया कि वे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुनें और चुनाव में ‘कम बुराई’ को चुनें।

प्रवासन और गर्भपात: कैथोलिक चर्च की चिंता

Pop Francis ने प्रवासन के मुद्दे पर ज़ोर देते हुए कहा कि प्रवास बाइबिल के अनुसार एक अधिकार है और जो व्यक्ति बाइबिल की इस आज्ञा का पालन नहीं करता है कि “अजनबी का स्वागत करो,” वह एक “गंभीर पाप” कर रहा है। उन्होंने प्रवासियों के साथ चर्च की एकजुटता और उनके मानवाधिकारों पर अपने विचार साझा किए।

गर्भपात पर पोप का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है। उन्होंने गर्भपात को मानव जीवन की हत्या के रूप में वर्णित किया और कहा, “गर्भपात करना एक इंसान की हत्या करना है। चाहे आपको यह शब्द पसंद हो या नहीं, यह हत्या है। हमें इसे स्पष्ट रूप से देखना चाहिए।”

अमेरिकी चुनाव में Pop Francis की सलाह

जब उनसे पूछा गया कि अमेरिकी मतदाता क्या करें, तो पोप ने नागरिक कर्तव्यों की बात करते हुए कहा, “एक व्यक्ति को वोट देना चाहिए और कम बुराई को चुनना चाहिए।”

पोप के इस बयान के बाद, डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के चुनावी कैंपेन की ओर से कोई तुरंत प्रतिक्रिया नहीं आई। यह पहली बार नहीं है जब पोप ने अमेरिकी चुनाव पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। 2016 के चुनाव से पहले भी, उन्होंने ट्रंप की अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने की योजना की आलोचना की थी और कहा था कि “जो कोई भी प्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवार बनाता है, वह ईसाई नहीं है।”

कैथोलिक चर्च और अमेरिकी चुनाव

अमेरिकी कैथोलिक चर्च ने अपने मतदाता मार्गदर्शन में गर्भपात को कैथोलिकों के लिए “प्रमुख प्राथमिकता” बताया है। कमला हैरिस ने गर्भपात अधिकारों का पुरजोर समर्थन किया है और संघीय स्तर पर गर्भपात के अधिकार को बहाल करने पर ज़ोर दिया है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में बड़े पैमाने पर निर्वासन की वकालत की थी, लेकिन उनकी योजनाओं को कानूनी, वित्तीय और राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जो कि एक आस्थावान कैथोलिक हैं, गर्भपात अधिकारों के समर्थन में हैं। हालांकि, कुछ कैथोलिक बिशप और रूढ़िवादी लोग इस मुद्दे पर उनके खिलाफ खड़े हुए और बाइडन को पवित्र कम्युनियन से वंचित करने की मांग की। पोप ने इस पर पहले कहा था कि बिशपों को राजनेता नहीं बल्कि एक पादरी होना चाहिए।

Pop Francis की अन्य टिप्पणियां

इस हवाई सम्मेलन में पोप ने कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे पेरिस में दिसंबर में पुनर्निर्मित नोट्रे डेम कैथेड्रल के उद्घाटन के लिए उपस्थित नहीं होंगे, हालांकि उन्होंने प्रवासियों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए कैनरी द्वीप जाने की इच्छा व्यक्त की।

इसके अलावा, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वह जल्द ही अपने गृह देश अर्जेंटीना की यात्रा कर सकते हैं, हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

चीन और कैथोलिक चर्च की आशा

चीन के बारे में पूछे जाने पर, पोप ने चीन को कैथोलिक चर्च के लिए “एक आशा और वादा” बताया और चीन की यात्रा की इच्छा व्यक्त की।

यौन शोषण पर Pop Francis का सख्त रुख

यौन शोषण के मामलों पर भी पोप फ्रांसिस ने सख्त टिप्पणी की और इसे “शैतानी” करार दिया। फ्रांस के एक प्रसिद्ध पादरी अब्बे पियरे के खिलाफ नए खुलासों पर भी उन्होंने अपनी राय व्यक्त की और इस प्रकार के कृत्यों को घोर पाप बताया।

पोप फ्रांसिस का यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी चुनाव में दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के रुख पर विवाद जारी है। ऐसे में पोप का मतदाताओं को ‘कम बुराई’ चुनने का संदेश, नैतिकता और जिम्मेदारी की एक स्पष्ट दिशा प्रदान करता है।

अमेरिकी चुनाव 2024 के दौरान, कैथोलिक मतदाता एक ऐसे मोड़ पर हैं जहां नैतिक और धार्मिक प्रश्नों का सीधा प्रभाव चुनाव के परिणाम पर पड़ सकता है। पोप फ्रांसिस का संदेश स्पष्ट है कि जीवन के मूल्यों और अधिकारों की रक्षा महत्वपूर्ण है, और इस दिशा में चुनाव करते समय लोगों को अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुननी चाहिए।

 

 

 

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