बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल: Sheikh hasina की दिल्ली यात्रा और ब्रिटेन में शरण की अटकलें
बांग्लादेश की राजनीति में भारी उथल-पुथल मची है। हाल ही में, बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-जमान ने टेलीविजन पर एक संबोधन में घोषणा की कि देश में सेना एक “अंतरिम सरकार” बनाएगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे शांत हो जाएं और हिंसा से पीछे हटें।
शेख हसीना की दिल्ली यात्रा
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस संकट के बीच सोमवार को दिल्ली के पास गाजियाबाद में हिंडन वायुसेना अड्डे पर उतरकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करना था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश की स्थिति की जानकारी दी है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि श्री मोदी और शेख हसीना के बीच कोई मुलाकात होगी या नहीं।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की। उनकी पार्टी ने जानकारी दी कि संसद के बाहर दोनों के बीच संक्षिप्त चर्चा हुई।
शेख हसीना का इस्तीफा
पांच बार प्रधानमंत्री रह चुकीं शेख हसीना को हाल ही में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर हिंसक विरोध प्रदर्शनों के चलते इस्तीफा देना पड़ा। इन प्रदर्शनों में 300 से अधिक लोग मारे गए।
ब्रिटेन में शरण की संभावना
सूत्रों का कहना है कि शेख हसीना अब लंदन जा सकती हैं, जहां वह राजनीतिक शरण मांग सकती हैं। उनके विमान को भारतीय वायु सेना के हैंगर के पास पार्क किया गया है, और लंदन के लिए उड़ान भरने की तैयारी की जा रही है।
भारत की सतर्कता
भारत का सीमा सुरक्षा बल (BSF) बांग्लादेश के साथ लगती सीमा पर हाई अलर्ट पर है। फील्ड कमांडरों को जमीन पर स्थिति संभालने और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का आदेश दिया गया है। मेघालय में 12 घंटे का रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है।
यातायात पर असर
भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश जाने वाली सभी ट्रेनें रोक दी हैं, और एयर इंडिया ने ढाका के लिए अपनी दो दैनिक उड़ानें रद्द कर दी हैं। इंडिगो ने अगले 30 घंटों के लिए अपनी सभी उड़ानें निलंबित कर दी हैं, जबकि विस्तारा स्थिति पर नजर रख रही है।
ढाका की स्थिति
स्थानीय मीडिया के अनुसार, ढाका के शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को छह घंटे के लिए बंद कर दिया गया था। बांग्लादेश की सेना ने प्रधानमंत्री हसीना को इस्तीफा देने के लिए 45 मिनट का समय दिया और हिंसा को नियंत्रित न कर पाने के बाद सत्ता अपने हाथ में ले ली है। सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-जमान ने एक अंतरिम सरकार बनाने का वादा किया और प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने की अपील की।
आंदोलन की पृष्ठभूमि
विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर हुई। बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण को घटाकर 5 प्रतिशत करने के बाद स्थिति थोड़ी शांत हुई थी, लेकिन सरकार द्वारा कुछ मांगों की अनदेखी किए जाने पर यह फिर से भड़क उठी।
अब यह देखना होगा कि इस राजनीतिक संकट का भविष्य क्या होगा और शेख हसीना की अगली रणनीति क्या होगी।