हरियाणा में बीजेपी से कांग्रेस को झटका: vinesh phogat की जीत और बृज भूषण का तंज
हरियाणा की राजनीति में खेल जगत से एक नया चेहरा उभरकर सामने आया है – vinesh phogat, जो एक ओलंपियन से नेता बनीं। जुलाना सीट से उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर बड़ी जीत हासिल की, जहां उनकी जीत ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। यह जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि कांग्रेस ने 19 साल बाद इस सीट पर विजय प्राप्त की है। इस जीत के बाद, विनेश फोगाट ने अपनी भावुक प्रतिक्रिया में इसे हर उस महिला की जीत बताया, जो अपने हक की लड़ाई लड़ती है।
vinesh phogat की ऐतिहासिक जीत
vinesh phogat ने जुलाना सीट से 6000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की। यह कांग्रेस के लिए एक ऐतिहासिक जीत है क्योंकि इस सीट पर पार्टी ने 2005 के बाद पहली बार जीत दर्ज की है। फोगाट ने इसे महिलाओं की जीत और सच्चाई की लड़ाई बताया। उनके शब्द थे, “यह हर उस लड़की की जीत है जो लड़ाई का रास्ता चुनती है। यह सच्चाई की जीत है और मैं इस प्यार और विश्वास को बनाए रखूंगी।”
चुनावी परिणाम और हरियाणा की राजनीति
हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी बहुमत के साथ 49 सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि कांग्रेस 35 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और स्वतंत्र उम्मीदवार सवित्री जिंदल अपनी-अपनी सीटों पर बढ़त बनाए हुए थे। वहीं, वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल विज, आईएनएलडी के अभय सिंह चौटाला और जेजेपी के दुष्यंत चौटाला पीछे चल रहे थे।
फोगाट का मुकाबला
विनेश फोगाट का मुकाबला पूर्व सेना कप्तान और बीजेपी उम्मीदवार योगेश बैरागी से था। इसके अलावा, जेजेपी के वर्तमान विधायक अमरजीत धांडा और आम आदमी पार्टी की पहलवान कविता दलाल भी मैदान में थीं। जुलाना सीट पर 2009 से 2019 तक आईएनएलडी का कब्जा रहा, और कांग्रेस ने पिछली बार 2005 में यहां जीत दर्ज की थी।
सेवा और न्याय की लड़ाई
भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात के बाद, फोगाट ने कहा कि उनकी यह यात्रा केवल राजनीति नहीं है, बल्कि सेवा और न्याय के लिए एक नई मंच पर लड़ाई है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे हरियाणा में मंत्री बनने की उम्मीद रखती हैं, तो उन्होंने कहा, “यह मेरे हाथ में नहीं है, यह हाईकमान के हाथ में है।” उन्होंने यह भी कहा कि वे जुलाना तक सीमित नहीं रहना चाहतीं, बल्कि पूरे राज्य के लिए काम करना चाहती हैं।
महिलाओं के अधिकारों के लिए वोट
मतदान करने के बाद फोगाट ने जनता से अपील की कि वे उसी पार्टी को वोट दें जो महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती है। उन्होंने चर्खी दादरी में कहा, “यह हरियाणा के लिए एक बड़ा पर्व है और राज्य के लोगों के लिए एक बड़ा दिन है। मैं राज्य के लोगों से अपील कर रही हूं कि वे बाहर आकर अपने वोट का उपयोग करें।”
फोगाट ने लोगों से अपील की, “उस पार्टी को वोट दें जो महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती है, और आप सभी जानते हैं कि मैं किस पार्टी की बात कर रही हूं।” एएनआई को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, “विजय की उम्मीद हमेशा रहती है। आज वोट देने का दिन है और लोगों ने यह नहीं भूला है कि बीजेपी ने किसानों और अन्य लोगों के साथ क्या किया।”
बृज भूषण का तंज
विनेश फोगाट की चुनावी जीत ने बृज भूषण शरण सिंह का ध्यान खींचा, जो पहले भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष रह चुके हैं और जिनके खिलाफ विनेश और बजरंग पुनिया ने विरोध प्रदर्शन किया था। बीजेपी के कई नेताओं ने फोगाट की उम्मीदवारी की आलोचना की, जबकि उनकी चचेरी बहन और बीजेपी नेता बबीता फोगाट ने भूपेंद्र हुड्डा पर फोगाट परिवार में फूट डालने का आरोप लगाया।
जैसा कि नवीनतम चुनाव आयोग के रुझानों से पता चलता है, बीजेपी 48 सीटों पर और कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही थी। भारतीय राष्ट्रीय लोक दल और बहुजन समाज पार्टी एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए थे, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार और छोटी पार्टियां आगे चल रही थीं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी लदवा सीट से 59,871 वोटों से आगे चल रहे थे। वहीं, भूपेंद्र सिंह हुड्डा गरही सांपला-किलोई सीट से 99,533 वोटों से आगे चल रहे थे, जबकि उनके नजदीकी प्रतिद्वंदी बीजेपी की मंजू थीं।
निष्कर्ष
विनेश फोगाट की जुलाना सीट पर जीत ने हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। यह जीत केवल राजनीति की नहीं, बल्कि सेवा, न्याय और महिला सशक्तिकरण की लड़ाई की भी प्रतीक है।