“khamenei के हिब्रू एक्स अकाउंट पर रोक: इजरायल के खिलाफ उनके संदेशों का असर”
ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई (khamenei) द्वारा हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर खोले गए हिब्रू भाषा के अकाउंट को दो पोस्ट के बाद निलंबित कर दिया गया है। रविवार को किए गए उनके अंतिम पोस्ट में लिखा था, “ज़ायोनिस्ट शासन ने एक गलती की है और ईरान को लेकर उनकी गणना में चूक हुई है। हम उन्हें यह समझाएंगे कि ईरानी राष्ट्र में कितनी शक्ति, क्षमता और संकल्प है।”
यह घटनाक्रम इजरायल द्वारा पिछले हफ्ते ईरान के सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों के जवाब में सामने आया। शनिवार को किए गए पहले हिब्रू पोस्ट में लिखा था, “अल्लाह के नाम पर, जो दयालु है।” खामेनेई के मुख्य एक्स अकाउंट पर हिब्रू में अक्सर इजरायल के खिलाफ कड़े शब्दों में बयान देखे जाते हैं, हालांकि यह नया अकाउंट उनकी भाषा को इजरायल की आम जनता तक सीधे पहुँचाने के लिए खोला गया था।
बढ़ते तनाव और प्रतिक्रिया की पृष्ठभूमि
इजरायल ने पिछले सप्ताह ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें दो ईरानी सैनिकों की मृत्यु हो गई और मिसाइल निर्माण के अड्डे व अन्य सामरिक स्थलों को निशाना बनाया गया। इस हमले के जवाब में, ईरान ने अपने हवाई ठिकानों पर हुए नुकसान को “सीमित” बताया। हालांकि, खामेनेई ने इस घटना को महत्वहीन बताने से इंकार किया। उन्होंने कहा कि ईरानी जनता की शक्ति, क्षमता, और संकल्प को इजरायल को समझाना होगा।
उनके शब्दों में, “इजरायल के शासन को ईरान की ताकत का अभी भी सही से अंदाजा नहीं हुआ है। हम उन्हें यह समझाएंगे।”
राजनीतिक दृष्टिकोण और असर
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी अपने बयान में कहा कि हवाई हमलों से ईरान के रक्षा और मिसाइल निर्माण क्षमताओं को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है। यह बयान भी इजरायल की उस नीति की ओर इशारा करता है जिसमें वह ईरान को हर संभावित खतरे के रूप में देखता है और समय-समय पर सामरिक हमलों से उसकी शक्ति को चुनौती देता है।
यह घटनाक्रम ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का प्रतीक है, जहां दोनों पक्ष लगातार एक-दूसरे के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी और सैन्य कार्रवाइयां करते रहते हैं। खामेनेई का हिब्रू भाषा में अकाउंट खोलना और उसमें सीधे तौर पर चेतावनी देना इस विवाद में एक नया मोड़ माना जा सकता है।
सामाजिक मीडिया की भूमिका और प्रतिबंध का कारण
ईरान और इजरायल के बीच की इस तनातनी के बीच खामेनेई का हिब्रू भाषा में अकाउंट खोलना और उस पर दिए गए संदेशों को केवल दो पोस्ट के बाद ही निलंबित कर देना एक महत्वपूर्ण घटना है। यह प्रतिबंध एक्स के नियमों के उल्लंघन के चलते लगाया गया, जिससे यह साफ होता है कि प्लेटफॉर्म पर दिए जाने वाले बयानों की सीमाएं होती हैं, खासकर जब वे हिंसक या उकसाऊ प्रकृति के होते हैं।
खामेनेई के मुख्य अकाउंट पर भी कई भाषाओं में पोस्ट किए जाते हैं, जिनमें अरबी और अंग्रेजी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उनके बयानों को साझा करने वाला एक और अकाउंट ‘Khamenei Media’ भी है, जिसे उनके मुख्य अकाउंट से नियमित रूप से रिट्वीट किया जाता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और ईरान-इजरायल तनाव का प्रभाव
ईरान और इजरायल के बीच जारी यह विवाद वैश्विक मंच पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। जहां इजरायल अपने सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए ईरान पर आक्रमण करने में संकोच नहीं करता, वहीं ईरान भी इन हमलों को अनदेखा करने के पक्ष में नहीं है। खामेनेई का यह रुख दर्शाता है कि ईरान अपनी शक्ति को कमजोर नहीं मानता और उसकी प्रतिक्रिया क्षमता भी मजबूत है।
वहीं दूसरी ओर, इस प्रकार के संदेश और बयानबाजी से क्षेत्र में अन्य देशों पर भी असर पड़ता है, जो कि वैश्विक शांति के लिए एक चुनौती साबित हो सकती है।