ड्रोन की जंग: North Korea और South Korea के बीच ताज़ा विवाद क्या है? सियोल का दावा- उत्तर कोरिया क्रॉस-बॉर्डर सड़कों को उड़ाने की तैयारी में
North Korea और South Korea के बीच फिर से तनाव बढ़ रहा है। सियोल ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया, सीमा पार की सड़कों को उड़ाने की तैयारी कर रहा है। इस बीच, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर अपने राजधानी शहर प्योंगयांग में ड्रोन भेजने का आरोप लगाया है, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव और बढ़ गया है।
पिछले हफ्ते, North Korea की सेना ने घोषणा की थी कि वह South Korea से जुड़ी सभी सड़कों और रेलवे को पूरी तरह से बंद कर देगा और अपनी सीमा को और अधिक मजबूत करेगा। उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया केसीएनए (KCNA) ने इस खबर की पुष्टि की। उत्तर कोरिया का दावा है कि दक्षिण कोरिया द्वारा प्योंगयांग पर ड्रोन भेजे गए, जिसके बाद उत्तर कोरिया ने सीमा पर अपनी सेना तैनात कर दी और सड़कों को उड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
(South Korea )दक्षिण कोरिया की चेतावनी:
दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया से ‘जल्दबाजी में कदम न उठाने’ की अपील की है, लेकिन दोनों देशों के बीच हालात बिगड़ते जा रहे हैं। दक्षिण कोरिया के सैन्य प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर कोरियाई सैनिकों को सीमा पर सड़कों पर काम करते हुए देखा गया है, जो इन सड़कों को उड़ाने की तैयारी का संकेत है।
ड्रोन विवाद की शुरुआत:
पिछले शुक्रवार को उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर यह आरोप लगाया कि उसने प्योंगयांग पर बड़ी संख्या में “उत्तर विरोधी” पर्चे गिराने के लिए ड्रोन भेजे। उत्तर कोरिया ने इसे एक गंभीर राजनीतिक और सैन्य उकसावे के रूप में देखा, जिससे सशस्त्र संघर्ष की संभावना बढ़ गई।
उत्तर कोरिया ने दावा किया कि इन ड्रोन का इस्तेमाल पर्चे गिराने के लिए किया गया था, जिनमें उत्तर कोरिया की खराब आर्थिक स्थिति और भोजन की कमी का जिक्र किया गया था।
उत्तर कोरिया का कड़ा संदेश:
उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को चेतावनी दी है कि यदि प्योंगयांग पर दोबारा ड्रोन भेजे गए तो “भयानक आपदा” का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, उत्तर कोरिया ने सीमा पर आठ पूरी तरह से सशस्त्र तोपखाने इकाइयों को “फायरिंग के लिए तैयार” रखा है।
उत्तर कोरिया का सैन्य कदम:
केसीएनए के अनुसार, उत्तर कोरिया ने अपनी सीमा पर भारी हथियार फिर से तैनात कर दिए हैं और गार्ड पोस्टों को बहाल किया है। यह 2018 के सैन्य समझौते के बाद की स्थिति को बदलने का संकेत है, जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के उद्देश्य से किया गया था। अब उत्तर कोरिया ने इसे अमान्य घोषित कर दिया है और फिर से युद्ध जैसी स्थिति में लौटने की तैयारी कर ली है।
दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया:
दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि वह ड्रोन पर लगे आरोपों का सीधे उत्तर देने से परहेज कर रही है, ताकि उत्तर कोरिया के कथित उकसावे के लिए उसे कोई बहाना न मिल सके। हालांकि, 2022 में पांच उत्तर कोरियाई ड्रोन सियोल की हवाई सीमा में प्रवेश कर गए थे और तब से दक्षिण कोरिया अपनी एंटी-ड्रोन रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए काम कर रहा है।
जंगवोन विश्वविद्यालय के सैन्य ड्रोन विशेषज्ञ ली क्यॉंग-हैंग का कहना है कि नागरिकों के लिए भी ऐसे ड्रोन प्राप्त करना मुश्किल नहीं है, जो दक्षिण कोरिया से प्योंगयांग तक की 300 किलोमीटर की यात्रा कर सकें और हल्के पेलोड, जैसे कि पर्चे गिरा सकें। हालांकि, उत्तर कोरिया का कहना है कि प्योंगयांग पर जो ड्रोन देखे गए थे, वे ऐसे थे जिन्हें विशेष लॉन्चर या रनवे की आवश्यकता होती है और यह असंभव है कि उन्हें कोई नागरिक समूह संचालित कर रहा हो।
1950-53 के युद्ध की छाया:
उत्तर और दक्षिण कोरिया तकनीकी रूप से अब भी युद्ध में हैं क्योंकि उनका 1950-53 का युद्ध एक युद्धविराम के साथ समाप्त हुआ था, शांति समझौते के साथ नहीं। दोनों देशों के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें और रेलवे, उनके बीच के कुछ शांति प्रयासों के प्रतीक के रूप में देखे जाते थे, विशेषकर 2018 में जब दोनों देशों के नेताओं ने युद्ध के अंत और शांति के नए युग की घोषणा की थी।
अब उत्तर कोरिया द्वारा सड़कों और रेलवे को उड़ा देने की धमकी, उस शांति प्रक्रिया के पूरी तरह ध्वस्त होने की पुष्टि करती है।
ताजा धमकी:
अक्टूबर के मध्य में, उत्तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया पर ड्रोन उड़ाने का आरोप लगाया था, और उसके बाद उसने अपनी तोपों को तैयार रहने का आदेश दिया।
उत्तर कोरिया का दावा है कि ड्रोन तीन अलग-अलग मौकों पर उसके हवाई क्षेत्र में देखे गए, और इसने इसे सैन्य हमला तक करार दिया। इस घटनाक्रम के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और एक के बाद एक चेतावनियों का दौर जारी है।
दोनों देशों के बीच सुलह की उम्मीद?
हालांकि, दोनों कोरियाई देशों के बीच हमेशा से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं, लेकिन यह नया विवाद स्थिति को और भी गंभीर बना सकता है। सियोल ने उत्तर कोरिया से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में कोई भी पक्ष पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहा है।
उत्तर कोरिया ने अपने बयान में कहा, “यदि दक्षिण कोरिया ने अपने उकसावे जारी रखे तो उसे एक भयानक स्थिति का सामना करना पड़ेगा।” अब यह देखना होगा कि क्या दोनों देश किसी संवाद की ओर बढ़ते हैं या फिर यह तनाव और बढ़ेगा।
निष्कर्ष:
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच यह नवीनतम ड्रोन विवाद दोनों देशों के बीच चल रहे लंबे तनाव का ही हिस्सा है। यह विवाद केवल सैन्य तनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे की राजनीतिक रणनीतियां और दोनों देशों के नेतृत्व के बीच विश्वास की कमी भी इसका हिस्सा हैं। जहां एक ओर उत्तर कोरिया अपने उग्र बयानों और सैन्य तैयारियों के साथ सीमा पर हथियार जमा कर रहा है, वहीं दक्षिण कोरिया ने भी अपनी सुरक्षा तैयारियों को मजबूत किया है। भविष्य में दोनों देशों के बीच यह तनाव किस दिशा में जाएगा, यह देखने वाली बात होगी।